Sunday, 6 July 2014

Mere nain baso girdhari

Dear readers,this is a poem dedicated to my beloved lord krishna .His colour and essence is present in every season.This poem is based on the fact that every colour of life is created by krishna.
मेरे नैन बसो गिरधारी ,
मैं जग बिसरी बनवारी ;
रंग तेरा सावन की बूँदें ,
बंसी बजा तू नैना मूंदे ;
रंग तेरा सर्दी की धूप  ,
राधा संग तू लगे है खूब ;
रंग तेरा बसंत फुलवारी ,
प्रेम पे जाऊं तेरे मैं वारी वारी ;
रंग तेरा गर्मी का तपना ,
मेरे नैनों का तू एक ही सपना ;
मन की तृष्णा मिल जाए कृष्णा ,
हो जाएँ वारे न्यारे ;
आकर हमको दर्शन देदो ,
खुल जाएँ भाग हमारे ;

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