maine teri raah chuni girdhari
Dear readers,this is the very first poem written by me from my heart to my beloved lord krishna , i feel like he is always with me ; मैंने तेरी राह चुनी गिरधारी ,
जो खुशियों में तुझे पुकारूं ,
दुःख काहे आये बनवारी ;
मैंने तेरी राह चुनी गिरधारी ,
जो दुःख में भी तुझको सिमरूँ ,
दुःख भी सुख लागे बनवारी ;
मैंने तेरी राह चुनी गिरधारी ,
ना मैं राधा ना मैं मीरा ,
फिर भी शरण मैं आई तिहारी ;
मैंने तेरी राह चुनी गिरधारी
Beautiful poem...Its very soothing and divine...
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