मुझे श्याम रंग भाये ,मुझे श्याम नज़र आये ,
मेरे मनवा में श्यामा बसा इस तरह ,
मुझे हर पल ही बंसी की धुन दे सुनाये ।
मेरे कानों में बंसी ये मिश्री घोल जाये ,
मुझे हर पल ये गिरधर दीवाना बनाये ,
मुझे हर पल ही बंसी की धुन दे सुनाये ।
तेरी बंसी की धुन विरह अग्नि जगाये ,
मेरे मन के ये सारे द्वेष मिटाये ,
मुझे हर पल ही बंसी की धुन दे सुनाये ।
तेरी बंसी की धुन मुझे व्याकुल कर जाए ,
मेरे नैनों से गिरधर ये नीर बहाये ,
मुझे हर पल ही बंसी की धुन दे सुनाये ।
मुझे श्याम रंग भाये ,मुझे श्याम नज़र आये ।।
well done. it is a beautiful poem
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